देवेंद्र फडणवीस: महाराष्ट्र के सीएम के सामने चुनौतियां और प्राथमिकताएंदेवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले रहे है, लेकिन उनकी नई पारी में चुनौतियां कई हैं। विधानसभा चुनावों में महायुति की बड़ी जीत के बाद अब फोकस सरकार की स्थिरता, जनता से किए वादों को पूरा करने, और बीएमसी चुनाव जीतने पर है।
मुख्य चुनौतियां:1. जनता से किए गए वादे:लाडकी बहन योजना के तहत ₹2,100 प्रतिमाह, किसान सम्मान निधि ₹15,000, वृद्धावस्था पेंशन और ऋण माफी जैसे वादे राज्य की वित्तीय स्थिति पर दबाव डाल सकते हैं।महाराष्ट्र का कर्ज ₹7.82 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, जिससे वित्तीय प्रबंधन मुश्किल होगा।
2. बीएमसी चुनाव:शिवसेना (यूबीटी) के मजबूत दावे और एकनाथ शिंदे की असंतुष्टि के बीच बीएमसी जीतना फडणवीस के लिए अहम होगा।
3. विकास परियोजनाओं का नुकसान:वेदांता और टाटा-एयरबस जैसी परियोजनाओं का गुजरात जाना सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करता है। नए प्रोजेक्ट लाना जरूरी होगा।
4. मराठा आरक्षण आंदोलन:जरांगे पाटील जैसे नेता और विपक्ष, मराठा आरक्षण मुद्दे को हवा देकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करेंगे।
5. सहयोगी दलों के साथ सामंजस्य:शिंदे और अजित पवार जैसे सहयोगियों को संतुलित रखना बड़ी चुनौती होगी।प्राथमिकताएं:वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना।छोटे व्यवसायों के लिए नियमों को सरल बनाकर रोजगार सृजन।कानून-व्यवस्था सुधार और आर्थिक विकास में तेजी।फडणवीस को कुशल राजनीतिक प्रबंधन के साथ अपने सहयोगियों और जनता के विश्वास को बनाए रखना होगा। यह उनकी नेतृत्व क्षमता की असली परीक्षा होगी।